शुद्ध वाणी मनो वाणी

किसी भी व्यक्ति को इसी तरह की ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए जिससे दूसरे व्यक्ति को तकलीफ हो ऐसी भाषा का प्रयोग करें जिससे सुनने और समझने में ऐसा नहीं और प्रिया लगे और दूसरे व्यक्ति के मन को भाए इससे आगे वाला प्रसन्न हो जाए ऐसी मधुर भाषा का प्रयोग करें इस दुनिया में कई लोग ऐसे हैं जिनके बोलने कार्टन बिल्कुल अलग होता है वह सोचते हैं कि हम सही बोल रहे हैं परंतु सुनने वाले को सही नहीं लगता है कई भाषाएं ऐसी हैं खड़ी बोली हिंदी वह भाषण सुनने में पूरे अलग दिखाई देती है ऐसा लगता है मानो कोई हमें डांट रहा हो


कोई भी व्यक्ति अपने विचार को किसी व्यक्ति विशेष के सामने प्रकट करें तो एकदम शुद्ध भाषा का प्रयोग करें ताकि उसे स्पष्ट शुद्ध भाषा में समझ में आए हिंदी भाषा हमारी मातृभाषा है



मनुष्य भाषा कई प्रकार की जिसमें हर एक कोश पर भाषा बदलते हैं भारत में विभिन्न वर्ग जाति समुदाय के लोग कहते हैं जिनकी अपनी अपनी भाषा है प्रत्येक राज्य के अलग भाषा जिस भाषा में बात करता है लैंग्वेज स्थानीय भाषा में बात करता है

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2 Comments

Anonymous said…
At this time it looks like Wordpress is the top blogging platform out there right now.
(from what I've read) Is that what you are using on your blog?