आज के इस युग में कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं ।जिसका इलाज करवाना लोगों के लिए असमर्थ है। पर अगर हम चाय तो हर बीमारी का इलाज हम घर बैठे कर सकते हैं ।और हम स्वस्थ रह सकते हैं ।अगर हम हैं तो हमें अपने आसपास के वातावरण अपने आसपास के पर्यावरण से स्वस्थ रह सकते हैं और अपने शरीर को निरोगी बनाया जा सकता है आप लोगों को अगर पता होगा की पहले हॉस्पिटल और इतनी सुविधा नहीं होने पर भी लोग हर बीमारी का इलाज करते थे वह भी बिना हॉस्पिटल जाए ओए घर पर क्या करते थे ऐसा ।इलाज जो बिना किसी अंग्रेजी दवा का उपयोग किए बिना है किया जाता है उसे आयुर्वेद कहा जाता है।
आयुर्वेद यानी जड़ी बूटियों के द्वारा इलाज करना हम सबको पता है की जड़ी बूटियां हमारे शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते इसी प्रकार का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता बल्कि वह अपने शरीर को स्वस्थ बनाने में उपयोगी होती हैं ।जड़ी बूटियां हमारे आस-पास बहुत सारी होती हैं पर हमें उनका कोई ज्ञान नहीं होता जड़ी बूटियों का उपयोग हम आसानी से कहीं पर भी कर सकते हैं हमारी रोजमर्रा कि जिंदगी में हम कई सारी जड़ी बूटियों का उपयोग करते हैं। पर हमें उनका उपयोग करना नहीं आता बल्कि हमें उन जड़ी बूटियों के लक्षण हमें नहीं पता होते हैं कहीं जड़ी बूटी हमारे घर में आसानी से मिल जाती हैं जैसे हल्दी लहसुन अदरक सहद तुलसी नीम इत्यादि ऐसी कहीं जड़ी बूटी है जो हमारा आसपास घर में मिल जाती हैं अगर हम इनका सही से उपयोग करें तो हम अपने शरीर को निरोगी और रोग मुक्त कर सकते हैं प्राकृतिक जड़ी बूटियों में वह सकते हैं जो एक मरे हुए इंसान को वापस से जिंदा कर सकती हैं आप लोगों को शायद पता होगा की अंग्रेजी दवा जो भी बनती है वह प्राकृतिक जड़ी बूटियों से ही बनती है और उनका नाम कुछ अलग रख दिया जाता है और उनसे पैसे वसूले जाते हैं पहले लोग बीमार नहीं होते थे पहले बहुत बड़ी बड़ी बीमारियां होती थी उनका इलाज नहीं होता था क्या होता था पर जड़ी बूटियों से उनका इलाज किया जाता था आज भी वही बीमारी है पर उनका कुछ अलग नाम दे दिए गए हैं जिनसे लो भ्रम में पड़ गए की इन बीमारियों का इलाज सिर्फ अंग्रेजी दवा से ही होता है हम आपको कुछ देसी प्राकृतिक जड़ी बूटियों के बारे में बताएंगे जिनका उपयोग करने से आप स्वस्थ शरीर पा सकते हैं।
हमारे आस-पास हमारे घर आंगन में नीम का पेड़ बहुत आसानी से मिल जाता है। हम उस देश से हैं जहां हम अपनी प्रकृति को हम भगवान मानते हैं हम पेड़ पौधों में भगवान देखते हैं ।नीम में हम भगवान नारायण को देखते हैं इसलिए हम नीम नारायण भी बोलते हैं ।और हम नीम की पूजा भी करते हैं नीम के पत्तों में वह शक्ति है ।जो हमारे शरीर को एक रोग मुक्त शरीर बना सकते हैं नीम के पत्तों को हम रोज सुबह उठकर अगर तीन पत्ते रोज के खा ले जाए तो हमें कभी बुखार मलेरिया चर्म रोग इत्यादि रोगों से मुक्ति मिल जाती हैं।
हम अगर नीम के फूल को तोड़कर उसे मिट्टी की छोटी सी कुलर में डालकर भिगोकर उसने चार लवंग स्वाद अनुसार सदा नमक डालकर सुबह उठकर पी लेते हैं। तो हमारे शरीर की कई बीमारियां दूर हो जाती है चर्म रोग बुखार मलेरिया इत्यादि कई रोग दूर हो जाते हैं।
इसलिए हमें नीम के पत्तों को हमारे रोज की दिनचर्या में शामिल कर हमारे शरीर को रोगमुक्त बनाया जा सकता है।
तुलसी को हम माता के रूप में मानते हैं। तुलसी के दो तीन पत्ते हैं अगर रोजाना खा लिया जाए तो हमारा शरीर मैं कभी सर्दी जुकाम खांसी पेट में कब्जी सास इत्यादि कोई बीमारी नहीं हो सकती।
तुलसी के पत्ते को सेवन करने का सबसे महत्वपूर्ण समय सुबह उठते ही तुलसी के 3 पत्ते रोजाना खा लिया जाए तो हमारे आंखों की रोशनी सर्दी जुखाम सास दमा सर्दी जुकाम इत्यादि ठीक हो जाते हैं।
हल्दी वह जड़ी बूटी है जो कई बीमारियों का इलाज करती है ।हल्दी बहुत गर्म की होती हैं हमारे कहीं लग जाए और हम उसी स्थान पर हल्दी लगाए तो घाव बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
हल्दी को दूध में डालकर पीली जाए तो हमारी कितनी भी पुरानी खांसी क्यों ना हो वह जल्दी से ठीक हो जाती हैं किडनी भी पुराने लगी हुई क्यों ना हो वह भी बहुत जल्दी ठीक हो जाती हैं ।हल्दी का ओपन ने में बहुत रामबाण इलाज हैं हल्दी फांसी चुका पुराने लगी हुई हो या किसी गांव पर लगाने से ठीक होती हैं।
ऐसी कोई जड़ी बूटी है जो हमारे आसपास पाई जाती है ।और हम उसका उपयोग करके हमारे शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ बनाया जा सकता है ।इसमें कोई किसी प्रकार का कोई खर्चा नहीं होता है वह आसानी से उपलब्ध हमारे आसपास ही हो जाते हैं।
नीम के पत्ते
हमारे आस-पास हमारे घर आंगन में नीम का पेड़ बहुत आसानी से मिल जाता है। हम उस देश से हैं जहां हम अपनी प्रकृति को हम भगवान मानते हैं हम पेड़ पौधों में भगवान देखते हैं ।नीम में हम भगवान नारायण को देखते हैं इसलिए हम नीम नारायण भी बोलते हैं ।और हम नीम की पूजा भी करते हैं नीम के पत्तों में वह शक्ति है ।जो हमारे शरीर को एक रोग मुक्त शरीर बना सकते हैं नीम के पत्तों को हम रोज सुबह उठकर अगर तीन पत्ते रोज के खा ले जाए तो हमें कभी बुखार मलेरिया चर्म रोग इत्यादि रोगों से मुक्ति मिल जाती हैं।
हम अगर नीम के फूल को तोड़कर उसे मिट्टी की छोटी सी कुलर में डालकर भिगोकर उसने चार लवंग स्वाद अनुसार सदा नमक डालकर सुबह उठकर पी लेते हैं। तो हमारे शरीर की कई बीमारियां दूर हो जाती है चर्म रोग बुखार मलेरिया इत्यादि कई रोग दूर हो जाते हैं।
इसलिए हमें नीम के पत्तों को हमारे रोज की दिनचर्या में शामिल कर हमारे शरीर को रोगमुक्त बनाया जा सकता है।
तुलसी
तुलसी को हम माता के रूप में मानते हैं। तुलसी के दो तीन पत्ते हैं अगर रोजाना खा लिया जाए तो हमारा शरीर मैं कभी सर्दी जुकाम खांसी पेट में कब्जी सास इत्यादि कोई बीमारी नहीं हो सकती।
तुलसी के पत्ते को सेवन करने का सबसे महत्वपूर्ण समय सुबह उठते ही तुलसी के 3 पत्ते रोजाना खा लिया जाए तो हमारे आंखों की रोशनी सर्दी जुखाम सास दमा सर्दी जुकाम इत्यादि ठीक हो जाते हैं।
हल्दी
हल्दी वह जड़ी बूटी है जो कई बीमारियों का इलाज करती है ।हल्दी बहुत गर्म की होती हैं हमारे कहीं लग जाए और हम उसी स्थान पर हल्दी लगाए तो घाव बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
हल्दी को दूध में डालकर पीली जाए तो हमारी कितनी भी पुरानी खांसी क्यों ना हो वह जल्दी से ठीक हो जाती हैं किडनी भी पुराने लगी हुई क्यों ना हो वह भी बहुत जल्दी ठीक हो जाती हैं ।हल्दी का ओपन ने में बहुत रामबाण इलाज हैं हल्दी फांसी चुका पुराने लगी हुई हो या किसी गांव पर लगाने से ठीक होती हैं।
ऐसी कोई जड़ी बूटी है जो हमारे आसपास पाई जाती है ।और हम उसका उपयोग करके हमारे शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ बनाया जा सकता है ।इसमें कोई किसी प्रकार का कोई खर्चा नहीं होता है वह आसानी से उपलब्ध हमारे आसपास ही हो जाते हैं।
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