आज अपने समाज में हो रहे अत्याचार का कारण किया हे ,
किया पहले के समय में भी ऐसा होता ता , या नहीं होता ता । आप ने अपने माँ बाप से कभी सुना होगा की हमारे समय में ऐसा कुस नहीं होता था । जब हम लड़के और लड़किया साथ में खेलते कूदते थे , । पर आज ऐसा किउ हो रहा है ,
किउ की आज के बच्चे माँ बाप और दादा दादी से दूर अपनी जिंदगी सोसल मिडिया पे बिताते है । बच्चा जन्म से ही उसको फ़ोन दे देते है , खाना नहीं खायेगा तो उसको फ़ोन बताओ छप हों जायेगा । बच्चा रो रहा है तो उसको फ़ोन में संगीत लगा के दे दो चुप हो जायेगा ,। किया जिंदगी है ।
हद तो वह पर होती है बच्चो को हॉस्टलों में डालते है जन्म से ही दादा दादी और माँ बाप से दूर । उसको वास्तविक घियानं कहा से मिलेगा।
वो अपना मनोरंजन के लिए सोसियल मिडिया का उपयोग करता है , जिसमे आधे नंगे फिल्म देकते है ,एक पल में भगवन को दिखाएंगे और दूसरे पल में पता नहीं कोण कोण से एड बता देते है , फिर वो अपने आप को रोक नहीं पाते ।
अपनी जवानी का वो गलत उपयोग कर लेते है । अगर छोटा सा बच्चा अपने गर दादा दादी के पास बड़ा होता तो उसको ाशिओ शिक्षा मिलती भगवन की कथा सुनते । ाशे संस्कार मिलते ।
अगर समाज में होने वाले अतियाचार और बलात्कार जैसी समस्या को रोकना है तो हमे अपने बच्चो को अशी शिक्षा देनी होगी ।
कहते ना बच्चो की पहली पाठशाला उसका घर होता है , और पहला गुरु माँ बाप होते है ।
जन्म से ही छोटे छोटे कपड़ो में लड़किया दिखाओगे तो बड़ा होक वो किया करेगा , कैसे रोक पाओगे । पेड़ जब छोटा होता है तब आप को मन साहे रूप में ढाल सकते हो । बड़े होने के बाद उसको आप मोड़ भी नहीं सकते । जबरदस्ती करो गए तो टूट जायेगा । वो ही हमारे बच्चो के साथ हो रहा है ।
बचो की गलती नहीं है माँ बाप इनके जिम्मेदार होते ।
में आप को एक बात बताना सहता हु कुस समय पहले में एक वर्दा आश्रम में गया , वह जेक देखा तो आखो में असू आगये । जब इनकी सेवा की बरी आई तो वो इस वर्दा आश्रम में भेज दिया । किउ ऐसा किउ होता है । पहले कोई वर्दा आश्रम नहीं ता भाइयो अपने माँ बाप की सेवा अपने खुद के बेटे करते ते । किउ की उनको उनके दादा दादी द्वारा अछि शिक्षा मिलती थी इसलिए उन बच्चो के माँ बाप वर्दा आश्रम में नहीं ब्लिकि घर पे होते ते ।
आप से विनती है अपने माँ बाप की खुद सेवा करे , न की वर्दा आश्रम में भेजे अपने बेटे को दादा दादी के साथ रखे जिस से अशी शिक्षा मिले ।
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