जीवन का कटु सत्य

आज का कटु सत्य

                                                     हमारे हिंदू संस्कृति के अनुसार श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा की जाती है ।और इस मास में बहुत बारिश होती हैं । क्यों कुछ सालों से श्रावण मास और भाद्र मास में बारिश क्यों नहीं होती राजस्थान में अगर बारिश नहीं होती है ;तो लोग बहुत सारे अलग-अलग प्रकार के उपाय करते रहते हैं ।अपने देवी-देवताओं को खुश करने के लिए सारे प्रयास करते हैं ।फिर भी बारिश नहीं आए तो लोगों की गलत धारणा है बन जाते हैं ।
और लोग कहने लगते हैं कि भगवान इंदर रखो किसी ने अपने वश में कर रखा है। इसलिए बारिश नहीं होती मेरे प्रिय भाइयों और बहनों मैं आपको बताना चाहता हूं ।की दुनिया की कोई ताकत नहीं जो किसी पर भगवान को अपने वश में कर सकें ।मेरे प्रिय दोस्तों आप लोगों ने विज्ञान जरुर पड़ी होगी जिसमें इनमें कई ऐसे कारण बताए हैं जिसके कारण बारिश नहीं हो सकती है ।सबसे बड़ा कारण एक ही है ।हमारा पर्यावरण अगर हमारा पर्यावरण ही सुरक्षित नहीं है ।
     

तो बारिश कहां से आएगी हम पर्यावरण की सुरक्षा करने के बजाय हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं हर रोज हमें एक पेड़ काटा उसके बदले में हमने कभी पेट नहीं लगाए जहां हरियाली होती है हां बारिश होती है पर्यावरण के बिना हमारा जीवन सुरक्षित नहीं है आज हम सब जिस समस्या से लड़ रहे हैं उन सब का कारण हमारा पर्यावरण है क्योंकि हम आए दिन पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं
जंगलों को खत्म कर रहे हैं जिसके कारण सूर्य की पराबैंगनी के गने सीधी जमीन पर गिरती है जिसमें कई प्रकार की हानिकारक किरण आती है जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं हम लोग सिर्फ लोगों को कहते हैं कि एक पेड़ काटने के बजाय 2 पेड़ लगाए क्या ऐसा हुआ है नहीं होता क्योंकि इस काम को करने में मेहनत लगती है जो कोई करना नहीं चाहता आज के समय में लोगों के पास समय नहीं है जो कुछ काम से काम डाल देते हैं अपने आप को व्यस्त बता कर निकल जाते हैं पर कोई भी व्यक्ति हमारे इस पर्यावरण के बारे में नहीं सोचता फिर हम बारिश नहीं होने पर हम अलग-अलग प्रकार के हैं दाना बनाकर अलग-अलग प्रकार की भगवान के सामने पूजा अर्चना करते हैं कैसे आएगी बारिश भगवान भी क्या करें क्योंकि सब के जिम्मेदार हम हैं
क्योंकि हम लोगों ने इस धरती मां को इस धरती के सौंदर्य को नुकसान पहुंचाया है सुंदरियों को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं शायद आप लोगों को पता नहीं होगा कि हमारा पर्यावरण हमारी इस धरती मां का सिंगार है हम इसको नुकसान पहुंचाएंगे तो क्या हम को नुकसान नहीं होगा यह बोल नहीं सकते चल नहीं सकते तो क्या यह नुकसान नहीं देंगे देंगे जरूर देंगे और दे रहे हैं इस प्राकृतिक नुकसान से कहीं बारिश हो नहीं रही है कहीं हो रही है तो बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं तो कहीं जनधन की हानि हो रही है ।
मेरे भाइयों और बहनों हम तो इंसान हैं हम कैसे भी करके जी लेंगे पर जो बेजुबान जानवर है जो जंगलों में रहते हैं ।वह कैसे जिएंगे हमें अपना नहीं तो इन जानवरों के बारे में सोचना चाहिए कि बिना बारिश के कैसे जिएंगे नदी नाले ताला झीलें सब सो जाएंगे सब पानी के जी व मर जाएंगे जिससे हजारों बीमारियां फैल जाएगी और लोगों का मरना चालू हो जाएगा प्रकृति अपना रूप बदल देगी सब विनाश की ओर प्रस्थान कर जाएंगे इसलिए मैं आप सभी से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि हम पेड़ लगाने सकते तो उसे काटा भी मत कीजिए क्योंकि एक पेड़ हजारों की जिंदगी के बराबर है उस पेड़ में हजारों की जिंदगी बस्ती हैं उस पर हजारों के घर होते हैं ।अगर हमारा पर्यावरण सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं पर्यावरण नहीं तो हम नहीं इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधों को लगाना है ।
और हमारी धरती मां के सिंगार को और बढ़ाना है जिसे हमारे धरती पूरी हरी-भरी दिखे और भरपूर बारिश हो जिससे हमारे छोटे मोटे रोजगार है जो चलते रहे और हम भूखे नहीं मरे पन्ना बिना पानी के हम कुछ नहीं कर पाते जिंदा लाश समान हो जाएंगे इसलिए पेड़ लगाओ धरती बचाओ और सबको पढ़ाओ हमारा पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए आप सबका सहयोग होना बहुत जरूरी है।

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